मंडी गोबिंदगढ़
देश भगत यूनिवर्सिटी के टेक्नो क्लब ने इंजीनियरिंग और एप्लाइड साइंस विभाग के सहयोग से बुधवार को एपीजे अब्दुल कलाम सेमिनार हॉल में “राष्ट्रीय बालिका दिवस” मनाया। यह आयोजन लिंग आधारित भेदभाव, असमानता और बालिकाओं को सशक्त बनाने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने की एक महत्वपूर्ण पहल थी।
कार्यक्रम का उद्घाटन देश भगत विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष डॉ. हर्ष सदावर्ती ने किया, जिन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने व्यावहारिक विचार साझा करते हुए कहा, “जब एक पुरुष शिक्षित होता है, तो केवल एक व्यक्ति शिक्षित होता है, लेकिन जब एक महिला शिक्षित होती है, तो पूरा परिवार शिक्षित होता है।” डॉ. सदावर्ती ने द्रौपदी मुर्मू , कल्पना चावला, साइना नेहवाल, इंदिरा गांधी, किरण मजूमदार शाह, मैरीकॉम और किरण बेदी जैसी उल्लेखनीय महिला हस्तियों की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला, जो युवा पीढ़ी को महानता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करती हैं।
सहायक निदेशक इंजीनियरिंग, डॉ. खुशबू बंसल, मीडिया निदेशक, डॉ. सुरजीत कौर पथेजा और विभिन्न क्षेत्रों के विभागों के प्रमुखों सहित सम्मानित व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन समारोह का आयोजन शालीनता और गरिमा के साथ किया गया। इस प्रतीकात्मक संकेत ने बालिकाओं के उज्जवल भविष्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक कार्यक्रम की शुरुआत को चिह्नित किया।
टेक्नो क्लब ने बालिकाओं को बचाने और प्रोत्साहित करने पर केंद्रित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया। विभिन्न शाखाओं के छात्रों ने कन्या भ्रूण हत्या जैसे मुद्दों और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाले पोस्टर बनाकर अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया। भाषण प्रतियोगिता में छात्रों ने “बेटी बचाओ” और महिला सशक्तिकरण पर प्रभावशाली भाषण दिए, जिससे एक नई दृष्टि और परिप्रेक्ष्य का संचार हुआ।
दिन का उत्सव एक सांस्कृतिक कार्यक्रम तक बढ़ गया, जिसमें शास्त्रीय नृत्य, गीत, भांगड़ा और कविता पाठ जैसे मनमोहक प्रदर्शन शामिल थे, जो महिलाओं को सशक्त बनाने के विषय पर आधारित थे। छात्रों के उत्साह और भागीदारी ने आयोजन को शानदार सफलता दिलाई। देश भगत यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. ज़ोरा सिंह और प्रो चांसलर डॉ. तजिंदर कौर ने सभी को कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम परिवर्तन को प्रेरित करने, जागरूकता को बढ़ावा देने और प्रत्येक बालिका की क्षमता और महत्व का जश्न मनाने के लिए एक शक्तिशाली मंच के रूप में कार्य करता है।
सोनिया और युक्ति गुप्ता ने आयोजन का पर्यवेक्षण किया और इसके निर्बाध निष्पादन को सुनिश्चित किया। डॉ. खुशबू बंसल ने कार्यक्रम की सफलता में योगदान देने वाले प्रतिभागियों और जजों को धन्यवाद देते हुए कहा कि लिंग आधारित भेदभाव और असमानता से निपटने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 2008 में इसकी शुरुआत के तौर पर राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत हुई थी।