शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) कंपनियों से हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष रूप से उपयुक्त ई-बसें निर्मित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि ई-बसों में प्रदेश की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप लोडिंग क्षमता और सामान इत्यादि रखने की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। आज धर्मशाला में ओईएम कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को बेहतर और आरामदायक परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विनिर्माण प्रक्रिया में आधुनिक प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने और उच्च गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टाइप 1, 2 और 3 ई-बसों को चरणबद्ध तरीके से अपनाया जा रहा है ताकि 31 मार्च, 2026 तक स्वच्छ व हरित ऊर्जा राज्य बनने का लक्ष्य पूर्ण किया जा सके।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ई-बस खरीद के लिए निविदाएं शीघ्र ही जारी की जाएंगी, जिसमें आपूर्ति के लिए समय सीमा सख्ती से लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि लागत अनुकूलित करने और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए, राज्य ने हिमाचल पथ परिवहन निगम की 1500 डीजल बसों को चरणबद्ध तरीके से बदलने की योजना बनाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत राज्य में ई-वाहनों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परवाणू-नालागढ़-ऊना-हमीरपुर-संसा
बैठक में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम, हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर, निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप और ओईएम कंपनियों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
प्रदेश की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप निर्मित की जाएं ई-बसें: मुख्यमंत्री
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