चंडीगढ़ 21 दिसंबर: स्टार्टअप के माध्यम से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के छात्र हरियाणा की प्राचीन चीजों को नया रूप दे रहे हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में हरियाणा पैवेलियन के माध्यम से हरियाणवी संस्कृति को सहेजने और उसका प्रचार-प्रसार कर रहा है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड मिलकर हरियाणवी संस्कृति के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह विचार हरियाणा राज्य के राज्यपाल व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती समारोह में हरियाणा पवेलियन के अवलोकन के दौरान व्यक्त किए।
इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हरियाणा पैवेलियन में हरियाणवी पगड़ी बंधवाई तथा हरियाणवी खाट पर हरियाणवी हुक्के के साथ छायाचित्र भी खिचवाया। अवलोकन के दौरान राज्यपाल ने देशी घी से निर्मित जलेबी का भी स्वाद चखा। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा कुटिक सेंटर के स्टार्टअप के माध्यम से निर्मित अंकुरित मोटे अनाज के उत्पादों की खुले मन से प्रशंसा की और कहा कि विश्वविद्यालय स्टार्टअप के माध्यम से प्राचीन चीजों को नया रूप दे रहा है। उन्होंने यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल के छात्रों द्वारा कोऑपरेटिव शुगर मिल पर आधारित मीठा गन्ना के बारे में जानकारी ली। कुलपति प्रो. सोमनाथ ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को बताया कि कोऑपरेटिव शुगर मिल में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी किसानों की होती है। राज्यपाल ने हरियाणा सरकार की नीतियों की प्रशंसा की तथा कौशल विकास पर आधारित प्रदर्शनी तथा हरियाणवी कलाकारों द्वारा दी गई सांस्कृतिक प्रस्तुति को देखकर सराहना की। उन्होंने हरियाणा के विभिन्न शिल्पकारों की कला को भी सराहा व केयू धरोहर द्वारा हरियाणवी संस्कृति को लेकर लगाई गई प्रदर्शनी की भी प्रशंसा करते हुए कुवि कुलपति व उनकी टीम को बधाई दी।
इससे पहले कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ ने केयू टीम के साथ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के हरियाणा पैवेलियन में पहुंचने पर स्वागत किया। इस मौके पर प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने हरियाणा पैवेलियन में केयू द्वारा प्रदर्शित हरियाणवी संस्कृति को सहेजने एवं संरक्षण के प्रयासों के बारे में राज्यपाल को अवगत करवाया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. शुचिस्मिता, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. ब्रजेश साहनी, डॉ. महासिंह पूनिया, उपनिदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. ज्ञान चहल, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. आबिद अली, डॉ. सुशील टाया व डॉ. हरविन्द्र राणा सहित कुवि के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।