-बाग़बानी मंत्री द्वारा किन्नू के इलावा नयी किस्म के बाग़ लगाने की संभावना तलाशने के हुक्म
-आलू उत्पादकों को बीमारी से निपटने के लिए दवा डालने की सलाह
चंडीगढ़, 20 दिसंबरः पंजाब के बाग़बानी मंत्री चेतन सिंह जौड़ेमाजरा ने राज्य के किन्नू उत्पादकों की अलग-अलग समस्याओं को तुरंत हल करने के हुक्म दिए हैं। आज यहाँ पंजाब सिवल सचिवालय में बाग़बानी विभाग, नहरी विभाग, पंजाब एग्रो और ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये स. चेतन सिंह जौड़ेमाजरा ने कहा कि किन्नू उत्पादन पंजाब राज्य की बाग़बानी का अहम हिस्सा है और किन्नू उत्पादकों को आ रही समस्याओं के साथ तुरंत निपटना चाहिए।
इस मौके पर उन्होंने नहरी विभाग के अधिकारियों को हिदायत की कि बाग़ों की सिंचाई के लिए नहरी पानी की स्पलाई को यकीनी बनाया जाये। इसके इलावा सतलुज दरिया और बूड्डे नाले में प्रदूषित पानी को मिलने से रोकने के लिए भी कार्यवाही करने के हुक्म देते हुये कहा कि नहरी खालों की फरवरी महीने से पहले सफ़ाई करवाना यकीनी बनाया जाये और मार्च महीने में नहरी बंदी न की जाये क्योंकि फरवरी महीने से बाग़ों को सबसे अधिक पानी की ज़रूरत होती है। इसके इलावा बाग़ों में पानी की स्टोरज के लिए बनाईं जाने वाली कुण्डों (डिग्गियों) के लिए खनन विभाग से एन. ओ. सी. की शर्त को ख़त्म करने के बारे मंत्री द्वारा विभाग के अधिकारियों को हिदायत जारी की गई। इसके साथ ही महाराष्ट्र की तर्ज़ पर नरेगा के अधीन काम करने वाले वर्करों की सेवाएं बाग़ों को देने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के लिए अधिकारियों को हिदायत की गई।
उन्होंने हुक्म दिया कि किन्नू की बोली मार्केट कमेटी के अधिकारियों की हाज़िरी में यकीनी बनाया जाये और किन्नू की आमद और बिक्री सम्बन्धी रिकार्ड भी रखा जाये।
मीटिंग के दौरान उन्होंने अधिकारियों को किन्नूओं के पकने को ध्यान में रखते उन्हें तोड़ने के लिए एक तारीख़ तय करने के बारे प्रपोजल तैयार करने की हिदायत की। उन्होंने कहा कि किन्नूओं के प्लांट 10 जनवरी से शुरू करने सम्बन्धी नोटिफिकेशन जारी करने के हुक्म दिए।
मीटिंग के दौरान बाग़बानी मंत्री द्वारा किन्नू बैलट में नया वैक्स प्लांट स्थापित करने की संभावना तलाशने के हुक्म देते हुये कहा कि राज्य में किन्नू के इलावा अन्य फ़लों की बाग़बानी की संभावनाएं तलाशी जाएँ।
बाग़बानी मंत्री ने पंजाब राज्य के आलू उत्पादकों को आलू की फ़सल को झुलस रोग से बचाने के लिए दवा का छिड़काव करने की सलाह देते हुये कहा कि विभाग द्वारा अलग-अलग समय पर काश्तकारों को दी जाती सलाह को अमल में लाया जाये जिससे किसान भाइयों को किसी किस्म की दिक्कत का सामना न करना पड़े।