पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में स्वाईन फ्लू की स्थिति का लिया जायज़ा
चंडीगढ़, 01 दिसंबरः मौसम की तबदीली के कारण आने वाले दिनों में होने वाली साँस सम्बन्धी बीमारियों के मद्देनज़र स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री पंजाब डा. बलबीर सिंह ने शुक्रवार को राज्य में स्थिति का जायज़ा लिया और इन बीमारियों की रोकथाम पर काबू पाने के लिए उठाये जाने वाले कदमों की सूची सुझायी। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य विभाग को इनफ्लूएंजा जैसी बीमारियों ( आई. एल. आई.) के आगे फैलाव को रोकने और कंट्रोल करने के लिए एक विस्तृत एडवाइजरी जारी करने के निर्देश दिए।
उन्होंने सभी सिविल सर्जनों को हरेक अस्पताल के आउट पेशेंट विभाग ( ओ. पी. डी.) में फ्लू कार्नर स्थापित करने के साथ-साथ इन कार्नरों में शिक्षित और अनुभवी पैरा- मैडीकल स्टाफ की तैनाती को यकीनी बनाने और लक्षणों की गंभीरता के आधार पर सुझायी आई. एल. आई. अनुसार मरीज़ों का इलाज करने के भी निर्देश दिए। सभी अस्पतालों को उचित लॉजिस्टिकस और आक्सीजन सप्लाई के साथ आइसोलेशन वार्ड स्थापित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। मंत्री ने छूत वाली इस गंभीर बीमारी को फैलने से रोकने के लिए आई. एल. आई. वाले लोगों के लिए साँस सम्बन्धी एहतियातों के बारे जागरूकता पैदा करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया।
डा. बलबीर सिंह ने बताया कि इनफ्लूएंजा ए एचएन1/ एच3एन2 पंजाब में महामारी रोग एक्ट के अधीन एक नोटीफाईड बीमारी है और इस सम्बन्धी पहले ही नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है। उन्होंने यह भी हिदायत की कि यह नोटिफिकेशन राज्य के सभी सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों को भेज कर सभी शक्की और पुष्टि किये मामलों की रिपोर्ट दी जाये। उन्होंने आगे कहा, “यह यकीनी बनाया जाना चाहिए कि मैडीकल संस्थाओं में आने वाले सभी आई. एल. आई. मरीज़ों को श्रेणीबद्ध किया गया है और यदि वह कोविड नेगेटिव हैं और उसमें स्वाईन फ्लू (एच1एन1) के लक्षण हैं तो उस मरीज़ को अलग रखकर इलाज किया जाये और ज़रुरी टैस्ट किये जाएँ।
राज्य के लोगों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सहूलतें यकीनी बनाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की वचनबद्धता को दोहराते हुये मंत्री ने भरोसा दिया कि विभाग के पास दवाओं का उपयुक्त स्टाक मौजूद है और हम किसी भी असुखद स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
डा. बलबीर सिंह ने लोगों को सावधानियों अपना कर मौसमी बीमारियों से बचने के लिए प्रेरित किया। आई. एल. आई. के मरीज़, आई. एल. आई. के मरीज़ों के साथ काम करने वाले स्वास्थ्य स्टाफ, ऐसे मरीज़ों के संपर्क में आने वाले लोग या रिश्तेदार, इम्यूनो- कम्प्रोमाईज़ड व्यक्ति, बच्चों, बुज़ुर्गों और गर्भवती औरतों को मास्क पहनने चाहिएं, नियमित तौर पर अपने हाथों को साबुन के साथ धोना चाहिए और भीड़ वाले स्थानों से दूर रहना चाहिए। आई. एल. आई. के लक्षणों वाले लोगों को नज़दीकी मैडीकल संस्था के साथ संपर्क करना चाहिये